Telephone Manipol
A. R. Rahman
6:16स्लिम क्लिम क्लिम स्लिम क्लिम क्लिम क्लिम स्लिम क्लिम क्लिम क्लिम स्लिम क्लिम क्लिम क्लिम माया मचींद्रा मुझ पे मंतर मत करना जादू मंतर से मुझ को पागल मत करना प्यासा दिल हो तो पागल हो जाए मिस्तरी दिल का शास्तरी बाँहों में तेरी बीतेगी मेरी रातरी सारी रातरी फुलवारी-फुलवारी दिव्यधाम की फुलवारी आऊँगा सब कुछ दे दूँगा तू भी है मर्दाना मैं भी हुउँ मस्तानी प्यार की बजा ले ढोलकी होंठों से छू ले तू बाँहों में भर ले तू सुंदरी बजा ले बाँसुरी माया मचींद्रा मंतर पड़ने मैं आया जादू मंतर से पागल करने तू आया हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ तूने क्या कर दिया ओ मेरे जान-ए-जान धड़कन में तू ही तू है बालम जबसे प्यार हो गया ओ मेरी दिलरुबा ख्वाब में तू ही तू है जानम बाँटने से शहद कम होगा तो क्या चुऊमने से शक्कर रोग आए तो क्या हर दिन यून ही मिलना है ना धिन धिन्ना करना है सुंदरी बजा ले बाँसुरी वक़्त प्यार का है सजना मीनामेख तू मत करना छ्हॉकरा बजा ले खंजारा माया माया मचींद्रा मंतर पड़ने मैं आया जादू मंतर से मुझ को पागल मत करना स्लिम क्लिम क्लिम ता रुत रुत रुत तू तू ता रुत रुत रुत तू तू ड ड ड ड ड ड ड ना जानू मेरा नाम ना जानू मेरा गाँव पूछु मैं तुझको मेरे राजा भाषा भी भूला मैं जीवन भी भूला मैं भुला हूँ सब कुछ मेरी रानी प्यार में सवाल करके फ़ायदा नहीं कामदेव देर तक रुकता नहीं बर्फ की तरह पिघलेंगे पिघल के कविता लिख देंगे सोहिनी मेरी मोहिनी दोनों मिल के दुनिया का नक़्शा हम बन जाएँगे ज़ाल्मा ओ मेरे बालमा माया मचींद्रा मुझ पे मंतर मत करना हे हे हे हे हे हे जादू मंतर से मुझ को पागल मत करना हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे