Govind Chale Aate Hain

Govind Chale Aate Hain

Acharya Dhirendra Krishnashastri

Длительность: 4:28
Год: 2025
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Текст песни

भक्तों का दुख सह नहीं पाते
व्याकुल हो जाते हैं
हाथ पकड़ के भवसागर से
पार लगाते हैं

सच्चे मन से श्रद्धा से
जब भक्त बुलाते हैं

गोविंद चले आते हैं
गोपाल चले आते हैं
गोविंद चले आते हैं
गोपाल चले आते हैं

कर दे समर्पण चरणों में
जो हरदम उसी के साथ है वो
भक्त कभी जब संकट में हो
बांह पकड़ के चलते हैं

द्रौपदी से जाकर पूछो
जब हाथ उठाते हैं

गोविंद चले आते हैं
गोपाल चले आते हैं
गोविंद चले आते हैं
गोपाल चले आते हैं

भाव के भूखे हैं करुणा निधि
बिन बोले ही समझ जाते हैं
कर्म प्रधान जगत की रचना
भक्तों के मन में बस जाते हैं

ध्रुव प्रह्लाद अगर गजराज
कहीं गिर जाते हैं

गोविंद चले आते हैं
गोपाल चले आते हैं
गोविंद चले आते हैं
गोपाल चले आते हैं

गोविंद चले आते हैं
गोपाल चले आते हैं
गोविंद चले आते हैं
गोपाल चले आते हैं