Mai Muska Da
Manoj Tiwari
5:18भक्तों का दुख सह नहीं पाते व्याकुल हो जाते हैं हाथ पकड़ के भवसागर से पार लगाते हैं सच्चे मन से श्रद्धा से जब भक्त बुलाते हैं गोविंद चले आते हैं गोपाल चले आते हैं गोविंद चले आते हैं गोपाल चले आते हैं कर दे समर्पण चरणों में जो हरदम उसी के साथ है वो भक्त कभी जब संकट में हो बांह पकड़ के चलते हैं द्रौपदी से जाकर पूछो जब हाथ उठाते हैं गोविंद चले आते हैं गोपाल चले आते हैं गोविंद चले आते हैं गोपाल चले आते हैं भाव के भूखे हैं करुणा निधि बिन बोले ही समझ जाते हैं कर्म प्रधान जगत की रचना भक्तों के मन में बस जाते हैं ध्रुव प्रह्लाद अगर गजराज कहीं गिर जाते हैं गोविंद चले आते हैं गोपाल चले आते हैं गोविंद चले आते हैं गोपाल चले आते हैं गोविंद चले आते हैं गोपाल चले आते हैं गोविंद चले आते हैं गोपाल चले आते हैं