Samjho Na
Aditya Rikhari
2:53बेकरार सी थी रातें बेशुमार तेरी यादें बेहिसाब गम ये था मेरा बेअसर रही शराबें बेसबर ये दिल जो मेरा बेवकूफ़ था तेरे बिना बेकरार सी थी रातें बेशुमार तेरी यादें बेहिसाब गम ये था मेरा बेअसर रही शराबें बेसबर ये दिल जो मेरा बेवकूफ़ था तेरे बिना तेरे बिन रात दिन भीगता था मैं अश्कयों की बारिश में आज तू है सामने जो कम हुए हैं सारे फ़ासले हुउ फ़ासले हुउ आज तोड़ दे चाहे फिर मुझे तुझसे टूटने में भी एक मज़ा है हम अगर नही बाहों में तेरी किसकी फिर भला यह हसीन जगा है आज तोड़ दे चाहे फिर मुझे तुझसे टूटने में भी एक मज़ा है हम अगर नही बाहों में तेरी किसकी फिर भला यह हसीन जगा है बेज़ुबान सी थी रातें बरसी फिर जो तेरी यादें बिखरा जिनमें घाम ये था मेरा बेतुकी लगी शराबें भीगा जिनमें दिल ये मेरा बेवजह था सब तेरे बिना आगाय ये शाम जो तो कल सूबा का कोई इंतेज़ार क्यूँ करे दूरियाँ ख़तम हुई ख़तम हुए हैं सारे फ़ासले फ़ासले फ़ासले