Sahiba
Aditya Rikhari
3:11मैं रात भर, मैं रात भर जागा हूँ तेरी यादों में तू ये बता, याद में मेरी तू भी जागी ना इश्क़ हुआ जो देखा मैंने खुद को तेरी आँखों में तू ही तो है जो घुल गया है मेरे सारे ख्वाबों में इन बातों ने तेरी चुरा ली है मेरी ये नींद और सुकून मेरा ले लिया मैं रात भर, मैं रात भर जागा हूँ तेरी यादों में तू ये बता, याद में मेरी तू भी जागी ना मैं रात भर, मैं रात भर जागा हूँ तेरी यादों में तू ये बता, याद में मेरी तू भी जागी ना इश्क़ हुआ तेरा मुखड़ा चन्न वर्गा, तक्कदी जावां, मन करता रातां नू ऐ तंग करता ऐ, तंग करता ऐ, तंग करता ज़ोर मेरा नी चल्दा, इश्क़ तेरा नहीं तल्दा रातां नू ऐ तंग करता ऐ, तंग करता ऐ, तंग करता तू सही, ज़माना ये ग़लत सा लगे ऐसी भी किसी को, यारा, लत ना लगे तू सही, ज़माना ये ग़लत सा लगे ऐसी भी किसी को, यारा, लत ना लगे होंठों पे रहने दूँ मैं, आ, फिर कह दूँ मैं इन बातों ने पहले ऐसी हदें लांघी ना मैं रात भर, मैं रात भर जागा हूँ तेरी यादों में तू ये बता, याद में मेरी तू भी जागी ना मैं रात भर, मैं रात भर जागा हूँ तेरी यादों में तू ये बता, याद में मेरी तू भी जागी ना तेरा नशा ये अफ़ीमी लगे दिन तेज़ और रात धीमी लगे फिसला दिल अभी-अभी, न फिसला था पहले कभी पहले नींदों के पीछे ये आँखें भागी ना मैं रात भर, मैं रात भर जागी हूँ तेरी यादों में तू ये बता, याद में मेरी तू भी जागा ना मैं रात भर, मैं रात भर जागा हूँ तेरी यादों में तू ये बता, याद में मेरी तू भी जागी ना इश्क़ हुआ तेरा मुखड़ा चन्न वर्गा, तक्कदी जावां, मन करता रातां नू ऐ तंग करता ऐ, तंग करता ऐ, तंग करता ज़ोर मेरा नी चल्दा, इश्क़ तेरा नहीं तल्दा रातां नू ऐ तंग करता ऐ, तंग करता ऐ, तंग करता इश्क़ हुआ