Jaa Bewafa Jaa
Altaf Raja
6:55प्यार मोहब्बत के किस्से प्यार मोहब्बत के किस्से बेकार हुए जब देखा तो दिल के टुकड़े हज़ार हुए हे हम्म पहले तो कभी कभी गम था अब तो हर पल ही तेरी याद सताती है अब तो हर पल ही तेरी याद सताती है पहले तो कभी कभी गम था (ओ) अब तो हर पल ही तेरी याद रूलाती है (आ) अब तो हर पल ही तेरी याद रूलाती है (आ) पहले तो कभी कभी गम था मगर ये दर्द जुदाई है हर घड़ी अब मगर ये दर्द-ए-जुदाई है हर घड़ी अब पहले तो कभी कभी ग़म था (ओ) मगर ये दागे जुदाई है हर घड़ी अब (आ) मगर ये दागे जुदाई है हर घड़ी अब (आ) में तुझसे कैसे कहु ये बता के तेरी याद के सहारे जी रहा हू के तेरी याद के सहारे जी रहा हू में तुझसे कैसे कहु ये बता (ओ) के ग़म के आसुओ को खुद ही पी रहा हू (आ) के ग़म के आसुओ को खुद ही पी रहा हू (आ) में तुझसे कैसे कहु ये बता ना मार डाले तेरी बेवफ़ाई मुझको ना मार डाले तेरी बेवफ़ाई मुझको हो में तुझसे कैसे कहु ये बता (ओ) ना मार डाले कही ये जुदाई मुझको (आ) ना मार डाले कही ये जुदाई मुझको (आ) हो बतादे मुझको बेवफा ये में तेरी राह में कबतक खड़ा रहूँगा में तेरी राह में कबतक खड़ा रहूँगा बतादे मुझको बेवफा ये (ओ) में तेरे दर पे यु कबतक पड़ा रहूँगा (आ) में तेरे दर पे यु कबतक पड़ा रहूँगा (आ) हम्म बतादे मुझको बेवफा ये तू मुझको कब तलाक ऐसे ही रुलाएगा तू मुझको कब तलाक ऐसे ही रुलाएगा बतादे मुझको बेवफा ये (ओ) तू मुझको कब तलाक अपना ना बनाएगा (आ) तू मुझको कब तलाक अपना ना बनाएगा (आ) हम्म आए पगली तू क्यू रो रही है के ग़म तो मुझको उठना है जुदाई का के ग़म तो मुझको उठना है जुदाई का आए पगली तू क्यू रो रही है तेरे लिए तो समां है ये सहनाई का तेरे लिए तो समां है ये सहनाई का आए पगली तू क्यू रो रही है के गांव छोड़ना है मेरे मुक्कदर मे के गांव छोड़ना है मेरे मुक्कदर मे हम्म आए पगली तू क्यू रो रही है (ओ) के उम्र गुज़रेगी अब मेरी ये सफ़र मे (आ) के उम्र गुज़रेगी अब मेरी ये सफ़र मे (आ)