Ishq Jaisa Kuch
Vishal-Sheykhar
2:50महिया माहिया दिल की किनारें पे लाखों सितारे है झुके पलकें झुकाए और जुल्फें उडाये रे झोंका हवा का यूं चले बिखरी अदा के इशारे सेहमी नज़र के सहारे पहचानिये छीन लू मैं रोक लूँ मैं यह अनजाना सा पल खो न जाए ख्वाइशों में यह अनजाना सा पल महिया माहिया दिल की किनारें पे लाखों सितारे है झुके पलकें झुकाए और जुल्फें उडाये रे झोंका हवा का यूं चले बिखरी अदा के इशारे सेहमी नज़र के सहारे पहचानिये छीन लू मैं रोक लूँ मैं यह अनजाना सा पल खो न जाए ख्वाइशों में यह अनजाना सा पल (महिया माहिया वे) पल यह जो ले रहा है करवटे मखमल से बादलों की चादर ओढ़े चुप से इस पल के बाहों में दिल यह बोलेन दिल की धड़कन में भी है गुजारिशें हो महिया महिया रातें सुनी बातें करें तेरी महिया माहिया आँखें खुली बूंदो के गिरते ही यह दिल चीखता है यह कि दिल तोड़ दे हाडे सारी महिया महिया चार मुलाकातों में तू अपना सा क्यूँ लगे दिल की खता है या नज़रों का धोका यह जो भी है चलता रहे बिखरी अदा के इशारे चुपके से किसको पुकारें समझाइये छीन लू मैं रोक लूँ मैं यह अनजाना सा पल खो न जाए ख्वाइशों में यह अनजाना सा पल महिया माहिया दिल की किनारें पे लाखों सितारे है झुके पलकें झुकाए और जुल्फें उडाये रे झोंका हवा का यूं चले बिखरी अदा के इशारे सेहमी नज़र के सहारे पहचानिये छीन लू मैं रोक लूँ मैं यह अनजाना सा पल खो न जाए ख्वाइशों में यह अनजाना सा पल महिया माहिया वे