Madhubala (From Songs Of Love)
Amit Trivedi
4:04शाम भी कोई जैसे है नदी लहर लहर जैसे बह रही है कोई अनकही कोई अनसुनी बात धीमी धीमी कह रही है कही ना कही जागी हुई है कोई आरज़ू कही ना कही खोए हुए से हैं मैं और तू के बूम बूम बूम परा परा है खामोश दोनो के बूम बूम बूम परा परा है मदहोश दोनो जो गुमसुम गुमसुम है ये फ़िज़ाए जो कहती सुनती है ये निगाहे गुमसुम गुमसुम है ये फ़िज़ाए है ना हा हा हा हा हा हा तू रु हा हा हा हा हा हा तू रु सुहानी सुहानी है ये कहानी जो खामोशी सुनाती है जिसे तूने चाहा होगा वो तेरा मुझे वो यह बताती है मई मगन हू पर ना जानू कब आने वाला है वो पल जब हौले हौले धीरे धीरे खिलेगा दिल का ये कमाल के बूम बूम बूम परा परा है खामोश दोनो के बूम बूम बूम परा परा है मदहोश दोनो जो गुमसुम गुमसुम है ये फ़िज़ाए जो कहती सुनती है ये निगाहे गुमसुम गुमसुम है ये फ़िज़ाए है ना यह कैसा समय है कैसा समा है के शाम है पिघल रही यह सब कुछ हसीन है सब कुछ जवान है है ज़िंदगी मचल रही जगमगाती झिलमिलाती पलक पलक पे ख्वाब है सुन यह हवाए गुनगुनाए जो गीत लाजवाब है के बूम बूम बूम परा परा है खामोश दोनो के बूम बूम बूम परा परा है मदहोश दोनो जो गुमसुम गुमसुम है ये फ़िज़ाए जो कहती सुनती है ये निगाहे गुमसुम गुमसुम है ये फ़िज़ाए है ना हा हा हा हा हा हा तू रु हा हा हा हा हा हा तू रु