Kuch Pal Yahin
Anand Bhaskar Collective
4:10तू रूठा रिझा के राह बाँचूँ सजा के चाँदना मैं तेरा... स्याह कजरी ये रातें और कारी बना के चाँदना तू ना जा धोला ना जा धोला ना जा तोसे तो साँचें हैं सब ये तारे जले हैं संग मोरे ये सारे इक तू ही बेगरज तोहे मोरी अरज दीखे ना मोरे ये नैना मोह के मारे माने ना जितना भी बहलावे छोड़ दे झूठा हठ कर ना छल कपट मोसे हाँ नैनों में हैं खारे पीड़ तू जो डारे चाँदना छलके ना सेहरा सा दिन है लागे बालू ढक के जावे चाँदना मन मोरा धोला ना जा धोला ना जा..