Ishq Hai
Anurag Saikia
5:13आ आ आ आ आ दा रा ना आ रा दा ना ना रा ना आ तूने दारा जो प्रीत का डोरा मनवा बैरी रहा ना ये मोरा बदला ना था ये किस्मत का फेरा जब तक तू ना तो तारा मोरा मोरी रत्तियो से छूटा अँधेरा तूने मुस्कानो को यु बीखेरा मैं था भटका ना मोहरा बसेरा तोहरी साँसों में घर है फ़िलहाल वारूँ वारूँ मैं वारूँ तोरी अब ना जग की है परवाह कोई थाम ले तू मोहरी ज़िन्दगी तोहसे बढ़ के ना कोई ख़ुशी वारूँ वारूँ मैं वारूँ तोरी आज सोफ़े है सपने सभी नैना तोहरे तिजोरी मोरी है मोरी तूने दारा जो प्रीत का डोरा मनवा बैरी रहा ना ये मोरा बदला ना था ये किस्मत का फेरा जब तक तू ना था थारा मोहरा मोरी रत्तियो से छूटा अँधेरा तूने मुस्कानो को यु बीखेरा मैं था भटका ना मोहरा बसेरा तोहरी साँसों में घर है फ़िलहाल आ आ आ तोहरे नाम का मोहे धागा डाल दे तू ले जा मोहे मोहे, जाना है सन्ग तोहरे तोहरे नाम का मोहे धागा डाल दे तू ले जा मोहे मोहे, जीना है सन्ग तोरे वारूँ वारूँ मैं वारूँ तोरी अब तू मोरा है मोरा सभी आंच आवै न तोह पे कोई करता रब से दुआ में यही वारूँ वारूँ मैं वारूँ तोरी प्रीत अपनी रहेगी बनी चाहे सुख हो या दुःख हो कभी में रहूँगा तेरे पास ही तोहसे मोरा नहीं मोहरा मनवा(आ आ) होगी रे साथ मोहरा शगुनवा(आ आ) सौंधा सौंधा सा ये साथ तोहरा(आ आ) चुपके चुपके से महका दिया(आ आ) तोहरे आगे मैं सर को झुका दू तोहरे सपने फलक पे बिठा दू काला टिका मैं तोहे लगा दू रखियो मुझपे भरोसा ज़रा आ आ