Tera Ramji Karenge Beda Paar
Anup Jalota
7:31आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की गले में बैजंती माला बजावै मुरली मधुर बाला श्रवण में कुण्डल झलकाला नंद के आनंद नंद लाला गगन सम अंग कांति काली राधिका चमक रही याली लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक ललित छवि श्यामा प्यारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की कनकमय मोर मुकुट बिलसै देवता दरसन को तरसै गगन सों सुमन रासि बरसै बजे मुहछंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिनी संग अतुल रति गोप कुमारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की जहां से प्रकट भई गंगा कलुष कली हारिणि श्री गंगा स्मरन से होत मोह भंगा बसी शिव शीश, जटा के बीच, हरै अघ कीच चरन छवि श्री बनवारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की चमकती उज्ज्वल तट रेनू बाज रही वृंदावन बेनू चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू हँसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटक भव फंद टेर सुन दीन भीखारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की