Hum Safar Gham Jo Mohabbat

Hum Safar Gham Jo Mohabbat

Anup Jalota

Альбом: Shohrat Vol . 1
Длительность: 7:03
Год: 1986
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Текст песни

चस्में पूर्णाम खरीद सकता हूँ
ज़ूलफें बार्हम खरीद सकता हूँ
तू अगर अपना बना ले मुझको
तेरा हर ग़म खरीद सकता हूँ

हम सफ़र ग़म जो
मोहब्बत में दिया हैं तुमने
हम सफ़र ग़म जो
मोहब्बत में दिया हैं तुमने
ये भी मुझ पर बड़ा
एहसान किया हैं तुमने
हम सफ़र ग़म जो
मोहब्बत में दिया हैं तुमने

एक मुद्दत से इसी दिन की थी
हसरत दिल में
एक मुद्दत से इसी दिन की थी
हसरत दिल में
आज में खुश हूँ
के दीवाना कहाँ हैं तुमने
ये भी मुझ पर बड़ा
एहसान किया हैं तुमने
हम सफ़र ग़म जो
मोहब्बत में दिया हैं तुमने

जब भी टकराई मेरे जिस्म से
ये शोख हवा
जब भी टकराई मेरे जिस्म से
ये शोख हवा
मुझको महसूस हुआ ये के
छुआ हैं तुमने
ये भी मुझ पर बड़ा
एहसान किया हैं तुमने
हम सफ़र ग़म जो
मोहब्बत में दिया हैं तुमने

क्या मेरे दिल के धड़कने की ही
आवाज़ हैं ये
क्या मेरे दिल के धड़कने की ही
आवाज़ हैं ये
याके फिर कान में
कुच्छ आके कहाँ हैं तुमने
ये भी मुझ पर बड़ा
एहसान किया हैं तुमने
हम सफ़र ग़म जो
मोहब्बत में दिया हैं तुमने

हिचकिया भी कभी कम्बख़्त नही आती हैं
हिचकिया भी कभी कम्बख़्त नही आती हैं
जो यूँ सोचु के मुझे याद
किया हैं तुमने
ये भी मुझ पर बड़ा
एहसान किया हैं तुमने
हम सफ़र ग़म जो
मोहब्बत में दिया हैं तुमने
ये भी मुझ पर बड़ा
एहसान किया हैं तुमने
हम सफ़र ग़म जो
मोहब्बत में दिया हैं तुमने