Kabhi Khamosh Baithoge
Anup Jalota
6:20चस्में पूर्णाम खरीद सकता हूँ ज़ूलफें बार्हम खरीद सकता हूँ तू अगर अपना बना ले मुझको तेरा हर ग़म खरीद सकता हूँ हम सफ़र ग़म जो मोहब्बत में दिया हैं तुमने हम सफ़र ग़म जो मोहब्बत में दिया हैं तुमने ये भी मुझ पर बड़ा एहसान किया हैं तुमने हम सफ़र ग़म जो मोहब्बत में दिया हैं तुमने एक मुद्दत से इसी दिन की थी हसरत दिल में एक मुद्दत से इसी दिन की थी हसरत दिल में आज में खुश हूँ के दीवाना कहाँ हैं तुमने ये भी मुझ पर बड़ा एहसान किया हैं तुमने हम सफ़र ग़म जो मोहब्बत में दिया हैं तुमने जब भी टकराई मेरे जिस्म से ये शोख हवा जब भी टकराई मेरे जिस्म से ये शोख हवा मुझको महसूस हुआ ये के छुआ हैं तुमने ये भी मुझ पर बड़ा एहसान किया हैं तुमने हम सफ़र ग़म जो मोहब्बत में दिया हैं तुमने क्या मेरे दिल के धड़कने की ही आवाज़ हैं ये क्या मेरे दिल के धड़कने की ही आवाज़ हैं ये याके फिर कान में कुच्छ आके कहाँ हैं तुमने ये भी मुझ पर बड़ा एहसान किया हैं तुमने हम सफ़र ग़म जो मोहब्बत में दिया हैं तुमने हिचकिया भी कभी कम्बख़्त नही आती हैं हिचकिया भी कभी कम्बख़्त नही आती हैं जो यूँ सोचु के मुझे याद किया हैं तुमने ये भी मुझ पर बड़ा एहसान किया हैं तुमने हम सफ़र ग़म जो मोहब्बत में दिया हैं तुमने ये भी मुझ पर बड़ा एहसान किया हैं तुमने हम सफ़र ग़म जो मोहब्बत में दिया हैं तुमने