Jai Govinda Gopala
Anup Jalota
4:39कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े अवध छोड़ प्रभु वन को धाये सिया राम लखन गंगा तट आये केवट मन ही मन हर्षाये घर बैठे प्रभु दर्शन पाए हाथ जोड़ कर प्रभु के आगे केवट मगन खड़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े प्रभु बोले तुम नाव चलाओ पार हमे केवट पहुचाओ केवट कहता सुनो हमारी चरण धुल की माया भारी मैं गरीब नैया है मेरी नारी ना होए पड़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े केवट दौड़ के जल भर ले आया चरण धोय चरणामृत पाया वेद ग्रन्थ जिनके गुण गाये केवट उनको नाव चढ़ाए बरसे फूल गगन से ऐसे भक्त के भाग्य जगे जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े चली नाव गंगा की धारा सिया राम लखन को पार उतारा प्रभु देने लगे नाव चढाई केवट कहे नहीं रघुराई पार किया मैंने प्रभु तुमको अब मोहे पार करो, जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े