Koi Sabab Zaroor Tha

Koi Sabab Zaroor Tha

Anup Jalota & Vidhi Sharma

Длительность: 6:15
Год: 2015
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Текст песни

कोई सबब ज़रूर था
कोई सबब ज़रूर था तुम जो खफ़ा हुए
कोई सबब ज़रूर था तुम जो खफ़ा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहा बेवफा हुए
कोई सबब ज़रूर था तुम जो खफ़ा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए
कोई सबब ज़रूर था

आज़ादिया तुम्हे तो मयस्सर है रात-दिन
हो-हो-हो, आज़ादिया तुम्हे तो मयस्सर है रात-दिन
आज़ादिया तुम्हे तो मयस्सर है रात-दिन
लेकिन तुम्हारी ज़ुल्फ़ से हम कब रिहा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए
कोई सबब ज़रूर था

रुखसत की रस्म खूब निभाई है तुमने यार
रुखसत की रस्म खूब निभाई है तुमने यार
रुखसत की रस्म खूब निभाई है तुमने यार
होकर जुदा, जुदा ना हुए, यूँ जुदा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए
कोई सबब ज़रूर था

आते है याद हमको जवानी के रोज़-ओ-शब
आ, आते है याद हमको जवानी के रोज़-ओ-शब
आते है याद हमको जवानी के रोज़-ओ-शब
चुटकी बजाई वक्त ने, लम्हे हवा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए
कोई सबब ज़रूर था
कोई सबब ज़रूर था
कोई सबब ज़रूर था