Rummu Jhum Nupur Baje
Anup Jalota
3:52कोई सबब ज़रूर था कोई सबब ज़रूर था तुम जो खफ़ा हुए कोई सबब ज़रूर था तुम जो खफ़ा हुए अपनी ख़ुशी से हम भी कहा बेवफा हुए कोई सबब ज़रूर था तुम जो खफ़ा हुए अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए कोई सबब ज़रूर था आज़ादिया तुम्हे तो मयस्सर है रात-दिन हो-हो-हो, आज़ादिया तुम्हे तो मयस्सर है रात-दिन आज़ादिया तुम्हे तो मयस्सर है रात-दिन लेकिन तुम्हारी ज़ुल्फ़ से हम कब रिहा हुए अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए कोई सबब ज़रूर था रुखसत की रस्म खूब निभाई है तुमने यार रुखसत की रस्म खूब निभाई है तुमने यार रुखसत की रस्म खूब निभाई है तुमने यार होकर जुदा, जुदा ना हुए, यूँ जुदा हुए अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए कोई सबब ज़रूर था आते है याद हमको जवानी के रोज़-ओ-शब आ, आते है याद हमको जवानी के रोज़-ओ-शब आते है याद हमको जवानी के रोज़-ओ-शब चुटकी बजाई वक्त ने, लम्हे हवा हुए अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए कोई सबब ज़रूर था कोई सबब ज़रूर था कोई सबब ज़रूर था