Dil Mein Aaj Phir Teri Yaadon Ke Mausam Aaya

Dil Mein Aaj Phir Teri Yaadon Ke Mausam Aaya

Anuradha Paudwal

Альбом: Yaadon Ke Mausam
Длительность: 5:41
Год: 1990
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Текст песни

वो भीगे बल वो भिगा बदन
वो भीगी भिगी हर धडकन
वो गल है में दुबे हुए,
वो होता वफा से लार्जे हुए
वो आंखे सोयी सोयी सी,
वो संसे खोई खोई सी
कुछ बोलो क्यू खामोश हो तुम
क्या है दिल से नाराज हो तुम
दिल में फिर अज तेरी
याद का मौसम आला
फिर मात्र साइन मे
तू दरड दावा धरण लाया
जब भी सावन कोई बरसा
मला महसुस हुआ
इश्क के दरिया में तू
मुळको भिगोने आला
दिल में फिर अज तेरी
याद का मोसम आया है

क्या अब भी तुम्हारी फुरकट में
एक सावन कोई लिखता है
क्या अब भी तुम्हारा होता पे
एक चुंबन कोई धृत आहे
क्या अब भी तुम्हारी बहो में
एक दिल सा कोई बात है
मैं रुमाल में तेरे लिए
काही फुल बने
मैने मेहंदी से तेरे
नाम हातीली पे चुने
मैने टाकिये के
गालाफो में तुझे कडा हैं
मैने हर शेर में
महेबूब तुझे बंधन आहे
दिल में फिर अज तेरी
याद का मौसम आला

मैं तुमको सोच रहा हूँ
मैं बस तुमको सोच रहा हूँ
बस तुम मुझमें डूब जाती हो
मैं तुममें खो सा जाता हूँ
तुम मेरे कंधे से लगकर
कुछ कानों में कहने वाली हो
तुम मेरे ध्यान की दुनिया की
एक समंदर-सी राजकुमारी हो
आज भी फूल दबे रहते हैं
मेरी चोटी में
आज भी मेहंदी से सजे रहते हैं मेरे हाथ
आज भी आंखें टिकी रहती हैं
मेरी झील-सी पलकों पर
आज भी सांसें जुड़ी रहती हैं
तुम्हारी आहट से
दिल में फिर आज तुम्हारी
यादों का मौसम लौट आया है
फिर मेरे सीने में तुम
दर्द, दवा और दम लेकर आई हो
जब भी सावन कोई बरसता है
मुझे महसूस होता है
इश्क़ के दरिया में तुम
मुझे भिगोने आई हो
दिल में फिर आज तुम्हारी
यादों का मौसम लौट आया है