Sare Shikve Gile
Anuradha Paudwal | Mohd. Aziz
6:09अब दावा की ज़रूरत नहीं अब डॉवा की ज़रूरत नहीं मुझको दर्द-ए-जिगर के लिए इक नज़र तेरी मेरे मसीहा काफ़ी हैं उमरा भर के लिए हो काफ़ी हैं उमरा भर के लिए अब दावा की ज़रूरत नहीं मुझको दर्द-ए-जिगर के लिए इक नज़र तेरी मेरे मसीहा काफ़ी हैं उमरा भर के लिए हो काफ़ी है उमरा भर के लिए मैं हूँ बीमार-ए-दिल मेरी तासकीं की हर दावा तेरी पलकों के पर्दे में हैं मैं हूँ बीमार-ए-दिल मेरी तासकीं की हर दावा तेरी पलकों के पर्दे में हैं मैने माँगी हैं जो ज़िंदगी के लिए वो दुआ तेरी पलकों के पर्दे में हैं पर्दे पर्दे में इक आडया तेरी इक नज़र तेरी मेरे मसीहा काफ़ी है उमरा भर के लिए प्यार तेरा मिले तू मिले ना मिले तेरा घाम जान-ए-मान सबसे प्यारा मुझे प्यार तेरा मिले तू मिले ना मिले तेरा घाम जान-ए-मान सबसे प्यारा मुझे हो करम यार का मिले तो संसार का हर आलम हर सितम हैं गंवारा मुझे सबके बदले में इक हँसी तेरी इक नज़र तेरी मेरे मसीहा काफ़ी है उमरा भर के लिए काफ़ी है उमरा भर के लिए अब दावा की ज़रूरत नहीं मुझको दर्द-ए-जिगर के लिए इक नज़र तेरी मेरे मसीहा काफ़ी है उमरा भर के लिए हो काफ़ी है उमरा भर के लिए