O Maahi
Arijit Singh
3:54आ फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह तेरी सरहद पार जो कर पाए ऐसा जिगरा कोई हुआ नहीं जिसमें एक तू ना शामिल हो होती कोई ऐसी दुआ नहीं सवा लाख से एक ही लड़ जाए अगर बात हो तेरी आन की जो वतन के लिए धड़कता है उस दिल के हर अरमान की फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह तेरी चौखट मेरा डर है तुझपे वारा ये सर है तू ही जन्नत मेरी, तू मेरा घर है माथे का चंदन तू है बसता मेरे लू लू है तू ही है मन्नत मेरी हर लम्हा कर फ़तेह, कर फ़तेह हर कदम कर फ़तेह बोले ये मन मेरा कर फ़तेह, कर फ़तेह हर कदम कर फ़तेह मेरा सब है तेरा सौ बार जनम लूं मर जाऊं ना फिक्र मुझे इस जान की जो वतन के लिए धड़कता है उस दिल के हर अरमान की फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह फतेह कर फतेह