O Maahi
Arijit Singh
3:54मेरी हरकतें क्यूँ बदल रही हैं? जब से मुझको तू मिली है, तब से हैं बड़ी हैरतें तेरी आहटें क्यूँ जगा रही हैं मुझको? सारी-सारी रात ले रही हूँ मैं करवटें बादल-बादल पे चलते पैदल-पैदल हैं अब ये पड़ते ज़मीं पे क़दम क्यूँ नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? इश्क़ मुमकिन होगा कभी, हम नहीं मानते थे हाँ, मगर हम तुमको भी पहले कहाँ जानते थे पागल-पागल हूँ दिल में हलचल-हलचल सी लेके मुश्किल ये होती हल क्यूँ नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? मेरी हसरतें सिर्फ़ हैं ज़रा-ज़रा सी इतनी कि नसीब हों मुझे तेरी फ़ुर्सतें तेरी आदतें इस क़दर हुई हैं मुझको तेरे बिन गुज़र-बसर में हो गईं दिक्कतें बादल-बादल पे चलते पैदल-पैदल हैं अब ये पड़ते ज़मीं पे क़दम क्यूँ नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं? हम नशे में, हम नशे में, हम नशे में तो नहीं?