Yeh Ishq Hai

Yeh Ishq Hai

Arijit Singh

Альбом: Rangoon
Длительность: 4:40
Год: 2017
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Текст песни

यह इश्क़ है
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है
सूफ़ी के सुलफे की लौ उठ के कहती है
आतिश ये बुझ्के भी जलती ही रहती है
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है
सूफ़ी के सुलफे की लौ उठ के कहती है
आतिश ये बुझ्के भी जलती ही रहती है
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है

साहिल पे सर रख के
दरिया है सोया है
सदियों से बहता है
आँखों ने बोया है
यह इश्क़ है रे
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है
तनहाई धुनता है
परछाई बुनता है
रेशम सी नज़रों को
आँखों से सुनता है
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है
यह इश्क़ है

सूफी के सुल्फे की लौ उट्ठी
अल्लाह हूँ
अल्लाह हूँ
अल्लाह हूँ
अल्लाह हूँ
सूफी के सुल्फे की लौ उट्ठी
अल्लाह हूँ
जलते ही रहना है
बाकी ना मैं ना तू
ये इश्क है रे
ये इश्क है
बेखुद सा रहता है
यह कैसा सूफी है
जागे तों तबरीज़ी
बोले तों रूमी है
ये इश्क है
ये इश्क है
ये इश्क है