Wajah Tum Ho
Armaan Malik
5:58रररा रा आरा तुम्हें अपना बनाने का जुनून सर पे है कब से है मुझे आदत बना लो एक बुरी केहना ये तुमसे है तुम्हें अपना बनाने का जुनून सर पे है कब से है सर पे है कब से है जिस्म के समंदर में इक लहर जो ठहरी है उसमें थोड़ी हरकत होने दे हो शायरी सुनाती इन दो नशीली आँखों को मुझको पास आके पढ़ने दो इश्क की ख्वाहिशों में भीग लो बारिशों में आओं ना तुम्हें पाकर ना खोने का जुनून सर पे है कब से है मुझे नजरों में रख लो तुम कहीं कहना ये तुमसे है तुम्हें अपना बनाने का जुनून सर पे है कब से है सर पे है कब से है रोकना नहीं मुझको जिद पे आ गई हूँ मैं इस कदर दीवानापन चढ़ा देखो ना यहाँ आके मेरा हाल कैसा है टुटके अभी तक ना जुड़ा अब संभलना नहीं है जो भी है वो सही है आओं ना तुम्हें खुद से मिलाने का जुनून सर पे है कब से है मुझे रहने दे अपने पास ही केहना ये तुमसे है तुम्हें अपना बनाने का जुनून सर पे है कब से है सर पे है कब से है