Hum Aur Tum Aur Ye Sama
Ashok Pandey
3:19तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है ये उठें सुबह चले, ये झुकें शाम ढले मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हँसते हुए हैं मेरे ख़ाबों के क्या क्या नगर इनमें बसते हुए हो पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हँसते हुए ये उठें सुबह चले ये झुकें शाम ढले मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है इनमें मेरे आनेवाले ज़माने की तस्वीर है चाहत के काजल से लिखी हुई मेरी तक़दीर है हो इनमें मेरे आनेवाले ज़माने की तस्वीर है ये उठें सुबह चले ये झुकें शाम ढले मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है ये उठें सुबह चले ये झुकें शाम ढले मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है