Aur Kya
Abhijeet
5:04अरे गंगा तू काहे जाए परदेस काहे जाए परदेस छ्चोड़के अपना देस, अपना देस छ्चोड़के अपना देस गंगा चली कहाँ कसम तोड़ के ह्यूम छ्चोड़ के गंगा चली तू कहाँ कसम तोड़ के ह्यूम छ्चोड़ के पिया मेरे पिया जहाँ पिया वहाँ मैं मेरे पिया वहाँ मैं देस च्चुदाया परदेस बुलाया देस च्चुदाया परदेस बुलाया संदेस ये आया मेरे नाम जहाँ पिया वहाँ मैं मेरे पिया वहाँ मैं मैं क्या करूँ मेरे राम आम आम आम आम जहाँ पिया वहाँ मैं मेरे पिया वहाँ मैं ऐसा लगता है की दिल के अंदर कुच्छ टूट रहा है बाबुल के आँगन में मेरा बचपन छ्छूट रहा है मैं खुश भी हूँ उदास भी नदियाँ में जैसे प्यास भी मैं क्या करूँ मेरी राम आम आम आम आम जहाँ पिया वहाँ मैं मेरे पिया वहाँ मैं चाँदी की कटोरी सोने का पिटारा चाँदी की कटोरी सोने का पिटारा लगे मैया मेरी मुझको सासू ने पुकारा लाली काजल पाउडर बिंदिया लाली काजल पाउडर बिंदिया लगे मेरी मैया मुझको सैया ने पुकारा अनदेखा अंजाना सा एक सपना देख रही हूँ अपने मॅन के दर्पण मई मुख अपना देख रही हूँ ये मैं हूँ या कोई और है संजोग पे किसका ज़ोर है मैं क्या करूँ मेरी राम आम आम आम आम गंगा चली कहाँ कसम तोड़ के ह्यूम छ्चोड़ के हूमेई छ्चोड़ के वहाँ मैं,वहाँ मैं जहाँ पिया वहाँ मैं वहाँ मैं,वहाँ मैं.