Muh Ki Baat
Jagjit Singh
6:01ज़रा चेहरे से कमली को हटा दो या रसूल अल्लाह हमें भी अपना दिवाना बना दो या रसूल अल्लाह मोहब्बत गैर से मेरी छुड़ा दो या रसूल अल्लाह मेरी सोई हुई किस्मत जगा दो या रसूल अल्लाह ज़रा चेहरे से कमली को (ज़रा चेहरे से कमली को) हटा दो या रसूल अल्लाह (हटा दो या रसूल अल्लाह) बड़ी किस्मत हमारी है के उम्मत में तुम्हारी है भरोसा दिन ओर दुनिया में भरोसा दिन ओर दुनिया में तुम्हारा या रसूल अल्लाह ज़रा चेहरे से कमली को (ज़रा चेहरे से कमली को) हटा दो या रसूल अल्लाह (हटा दो या रसूल अल्लाह) अँधेरी कब्र में मुझ को अकेला छोड़ जाएँगे वहाँ हो फ़ज़ल से तेरे वहाँ हो फ़ज़ल से तेरे उजाला या रसूल अल्लाह ज़रा चेहरे से कमली को (ज़रा चेहरे से कमली को) हटा दो या रसूल अल्लाह (हटा दो या रसूल अल्लाह) खुदा मुझ को मदीने में (खुदा मुझ को मदीने में) जो पोहचाये तो बेहतर है (जो पोहचाये तो बेहतर है) के रोज़े पर ही दे दू जान (के रोज़े पर ही दे दू जान) के रोज़े पर ही दे दू जान (के रोज़े पर ही दे दू जान) जा कर या रसूल अल्लाह (जा कर या रसूल अल्लाह) ज़रा चेहरे से कमली को (ज़रा चेहरे से कमली को) हटा दो या रसूल अल्लाह (हटा दो या रसूल अल्लाह) हमें भी अपना दिवाना (हमें भी अपना दिवाना) बना दो या रसूल अल्लाह (बना दो या रसूल अल्लाह) ज़रा चेहरे से कमली को (ज़रा चेहरे से कमली को) हटा दो या रसूल अल्लाह (हटा दो या रसूल अल्लाह)