Khan Chup Gaya Tu

Khan Chup Gaya Tu

Chitra Vichitra Ji Maharaj

Длительность: 9:22
Год: 2025
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Текст песни

कहा छुप गया तू कहा तुझको ढूंढू ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
कहा छुप गया तू कहा तुझको ढूंढू ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
मन वीणा की टूटी है तारे विखरा मेरा संगीत
ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
क्या थी वो राते जिन रातो में गीत तुम्हरे गाये थे
क्या थी वो राते जिन रातो में गीत तुम्हरे गाये थे
क्या थी वो राते जिन रातो में गीत तुम्हरे गाये थे
क्या थी वो राते जिन रातो में गीत तुम्हरे गाये थे
सात सुरो की खुशबु से उन गीतों को महकाये थे
सात सुरो की खुशबु से उन गीतों को महकाये थे
सात सुरो की खुशबु से उन गीतों को महकाये थे
सात सुरो की खुशबु से उन गीतों को महकाये थे
ना जी सकूगा न मर सकूगा मेरी रह गई अधूरी प्रीत
ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
चुन चुन भावो की कलियों से तुझको कभी सजाया
चुन चुन भावो की कलियों से तुझको कभी सजाया
चुन चुन भावो की कलियों से तुझको कभी सजाया
चुन चुन भावो की कलियों से तुझको कभी सजाया
बिन बोले ही प्रीतम प्यारे कभी दिल का दर्द सुनाया
बिन बोले ही प्रीतम प्यारे कभी दिल का दर्द सुनाया
बिन बोले ही प्रीतम प्यारे कभी दिल का दर्द सुनाया
बिन बोले ही प्रीतम प्यारे कभी दिल का दर्द सुनाया
धुंटने लगा है गम प्राणो का ये सवासे भी जाए भी
ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
गम देने वाले दर्द ये दिल का मुश्किल हुआ अब सेहना
गम देने वाले दर्द ये दिल का मुश्किल हुआ अब सेहना
गम देने वाले दर्द ये दिल का मुश्किल हुआ अब सेहना
गम देने वाले दर्द ये दिल का मुश्किल हुआ अब सेहना
दिल की दिल में रह गई मेरे अब तुमसे नहीं कुछ कहना
दिल की दिल में रह गई मेरे अब तुमसे नहीं कुछ कहना
दिल की दिल में रह गई मेरे अब तुमसे नहीं कुछ कहना
दिल की दिल में रह गई मेरे अब तुमसे नहीं कुछ कहना
देखेगी दुनिया महौब्त उनकी हारी आ गई जीत
ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
कहा छुप गया तू कहा तुझको ढूंढू ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत
मन वीणा की टूटी है तारे विखरा मेरा संगीत
ओ मेरे मन के मीत
ओ मेरे मन के मीत