Sub Title
Choi Seong Wook
1:58अरे, मुरली बजाई कृष्ण कन्हाई राधा के मन भाई मधुर-मधुर धुन सुन मोहित भई सब सुध-बुध बिसराई उड़ता गिरता आँचल लेकर काली-काली लट पे और कुंज गली से दौड़ी राधा पँहुची जमुना तट पे है राधा, पँहुची जमुना तट पे राधा, पँहुची जमुना तट पे