Naam Apun Ka Jaani

Naam Apun Ka Jaani

Deepu | Rahul Sipligunj

Альбом: Makkhi
Длительность: 4:47
Год: 2012
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Текст песни

यह आग कैसी मेरे
सीने में है दहकति
अंधेरो में ना कोई
उमीद है चमकती
मक्खी मक्खी मक्खी मक्खी

नाम अपुन का जानी
माँगेगा ना पानी
ऐसे छीन लूँगा
मैं तेरी ज़िंदगानी
नाम अपुन का जानी
माँगेगा ना पानी
ऐसे छीन लूँगा
मैं तेरी ज़िंदगानी
मैं आज चल पड़ा हूँ
ऊँची उड़ान मेरी
तेरे खून से लिखूंगा
अब मैं कहानी तेरी
मक्खी हूँ मैं मक्खी
सैर कर नरक की
मेरी इक नज़र से
तूने मौत चकी
मक्खी हूँ मैं मक्खी
सैर कर नरक की
मेरी इक नज़र से
तूने मौत चकी

मक्खी मक्खी मक्खी
मक्खी मक्खी मक्खी
मक्खी मक्खी मक्खी
मक्खी मक्खी मक्खी

हूँ ज़रा सा लेकिन
तू क्या मुझको रोके
इक ज़रा सा शोला
गाओं गाओं फ़ूके
बूँद इक ज़हर की
कभी भी ना चुके
इक ज़रा सी बोली
दागे बंदूकें

Wasn't it you universe natural
Before the big bang

नही दूध की मैं मक्खी
जो मुझको फेंक देगा
जब तेरी साँस रुकी
तभी सुकु मिलेगा
तुझसे नज़र मिलाके
मैं चुटकी में मार दूँगा