Aaja Hare Ke Sahare
Ram Kumar Lakhha
7:21ओम जय श्री श्याम हरे स्वामी जय श्री श्याम हरे खाटू धाम विराजत खाटू धाम विराजत अनुपम रूप धरे ओम जय श्री श्याम हरे रत्न जड़ित सिंहासन सिर पर चंवर ढुरे तन केसरिया बागो तन केसरिया बागो कुण्डल श्रवण झूरे ओम जय श्री श्याम हरे गल पुष्पों की माला सिर पर मुकुट धरे खेवट धूप अग्नि पर खेवट धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले ओम जय श्री श्याम हरे मोदक खीर चूरमा सुवरण थाल भरे सेवक भोग लगावत सेवक भोग लगावत सेवा नित्य करे ओम जय श्री श्याम हरे झांझ घडियाल नगाड़ा बाजे शंख घुरे भक्त आरती गावे भक्त आरती गावे जय जयकार करे ओम जय श्री श्याम हरे जो ध्यावे फल पावे सब दुःख से उबरे सेवक जन निज मुख से सेवक जन निज मुख से श्याम श्याम उचरे ओम जय श्री श्याम हरे श्याम बिहारी जी की आरती जो कोई नर गावे कहत आलोसिंघ स्वामी कहत आलोसिंघ स्वामी मनवांछित फल पावे ओम जय श्री श्याम हरे ओम जय श्री श्याम हरे स्वामी जय श्री श्याम हरे खाटू धाम विराजत खाटू धाम विराजत अनुपम रूप धरे ओम जय श्री श्याम हरे