Tere Ishk Mein
A.R. Rahman
5:51तेरी क़ायनात मेरे ख़ाली हाथ और तार-तार सपने गए ज़ख़्म जाग मेरे सीने आग लगे साँस-साँस तपने तेरी क़ायनात मेरे ख़ाली हाथ और तार-तार सपने दर्दों से चूर ग़म का गुरूर कहूँ क्या मैं हाल अपने आवारा आवारा आवारा अंगारा रातों में डूबा अम्बर का बंजारा जाने टूटा क्यों मैं शीशा ना तारा तेरी क़ायनात मेरे ख़ाली हाथ और तार-तार सपने गए ज़ख़्म जाग मेरे सीने आग लगे साँस-साँस तपने ओ कोई उधारी है सीने पे भारी है पत्थर है या दिल है मैं ही अकेला हूं मैं ही तो मेरा हूं ये कैसी महफिल है रूठे सवेरे हैं आधे ये मेरे हैं आधे हैं ये तेरे तू है निगाहों में लावा है आंखों में बस सर्द शाम गहरे आवारा आवारा आवारा अंगारा आंसू है मेरे या पिघला है पारा जाने टूटा क्यों मैं शीशा ना तारा मेरा इम्तिहान तू जो ले रहा है अब ना रियायतें कर मैंने इश्क सीखा मैंने प्यार सीखा तू चाहे नफरतें कर मैंने दिल दिया है मैंने दुख लिया है तू सौदा ईमान ले पर मेरा तेरा इम्तहान तुझे ले रहा है अब नारे आयात कर आवारा आवारा आवारा अंगारा रातों में डूबा अंबर का बंजारा जाने टूटा क्यों मैं शीशा ना तारा मेरा इम्तिहान तू जो ले रहा है अब ना रियायतें कर मैंने इश्क सीखा मैंने प्यार सीखा तू चाहे नफरतें कर