Hum Ne Ek Shaam
Hariharan
6:27काश ऐसा कोई मंज़र होता काश ऐसा कोई मंज़र होता मेरे काँधे पे तेरा सर होता काश ऐसा कोई मंज़र होता मेरे काँधे पे तेरा सर होता काश ऐसा कोई मंज़र होता जमा करता हुआ जो मैं आये हुए संग जमा करता हुआ जो मैं आये हुए संग सर छुपाने के लिए घर होता सर छुपाने के लिए घर होता मेरे काँधे पे तेरा सर होता काश ऐसा कोई मंज़र होता इस पलंदी पे बहोत तनहा हूँ तनहा हूँ बहोत तनहा हूँ तनहा... तनहा हूँ इस पलंदी पे बहोत तनहा हूँ काश मैं सब के बराबर होता काश मैं सब के बराबर होता मेरे काँधे पे तेरा सर होता काश ऐसा कोई मंज़र होता उसने उलझा दिया दुनिया में मुझे उसने उलझा दिया दुनिया में मुझे वरना एक और कलंदर होता वरना एक और कलंदर होता मेरे काँधे पे तेरा सर होता काश ऐसा कोई मंज़र होता मेरे काँधे पे तेरा सर होता काश ऐसा कोई मंज़र होता काश