Raghunandan Raghav Ram Hare
Hariharan
5:58चरण शरण में आय के धरूं तिहारा ध्यान संकट से रक्षा करो संकट से रक्षा करो पवनपुत्र हनुमान दुर्गम काज बनाय के कीन्हें भक्त निहाल अब मोरी विनती सुनो अब मोरी विनती सुनो हे अंजनि के लाल हाथ जोड़ विनती करूं सुनो वीर हनुमान कष्टों से रक्षा करो कष्टों से रक्षा करो राम भक्ति देहुँ दान पवनपुत्र हनुमान