Na Keh Saqi
Jagjit Singh
6:25दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए दोस्ती दुश्मनी न हो जाए दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए तुम मेरी दोस्ती का दम न भरो तुम मेरी दोस्ती का दम न भरो आसमाँ मुद्दई न हो जाए दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए बैठता है हमेशा रिन्दों में बैठता है हमेशा रिन्दों में कहीं ज़ाहिद, वली न हो जाए दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए अपनी ख़ू-ए-वफ़ा से डरता हूँ अपनी ख़ू-ए-वफ़ा से डरता हूँ आशिक़ी बंदगी न हो जाए दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए दोस्ती दुश्मनी न हो जाए दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए