Rukh Se Parda
Jagjit Singh
5:50धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटाकर देखो ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटाकर देखो वो सितारा चमकने दो यूँही आँखों में वो सितारा चमकने दो यूँही आँखों में क्या ज़रूरी है उसे जिस्म बनाकर देखो क्या ज़रूरी है उसे जिस्म बनाकर देखो पत्थरों में भी ज़ुबां होती है दिल होता है पत्थरों में भी ज़ुबां होती है दिल होता है अपने घर के दर ओ दीवार सजाकर देखो अपने घर के दर ओ दीवार सजाकर देखो फ़ासिला नज़रों का धोखा भी तो हो सकता है फ़ासिला नज़रों का धोखा भी तो हो सकता है वो मिले या ना मिले हाथ बढ़ाकर देखो वो मिले या ना मिले हाथ बढ़ाकर देखो धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटाकर देखो