Rukh Se Parda
Jagjit Singh
5:50उनकी आँखों में जब नमी देखी उनकी आँखों में जब नमी देखी हुस्न के चार-सू ग़मी देखी उनकी आँखों में जब नमी देखी हुस्न के चार-सू ग़मी देखी उनकी आँखों में जब नमी देखी कौन सी बात वो छुपाए हैं? कौन सी बात वो छुपाए हैं? कौन सी बात वो छुपाए हैं? आने जाने में अब कमी देखी आने जाने में अब कमी देखी हुस्न के चार-सू ग़मी देखी उनकी आँखों में जब नमी देखी बे-सबब जब वो मुस्कुराने लगे बे-सबब जब वो मुस्कुराने लगे बे-सबब जब वो मुस्कुराने लगे अब कि कुछ बात सी बनी देखी अब कि कुछ बात सी बनी देखी हुस्न के चार-सू ग़मी देखी उनकी आँखों में जब नमी देखी रूख़-ए-रौशन पे इस क़द्र साए रूख़-ए-रौशन पे इस क़द्र साए रूख़-ए-रौशन पे इस क़द्र साए फूल पर धूल सी जमी देखी फूल पर धूल सी जमी देखी हुस्न के चार-सू ग़मी देखी उनकी आँखों में जब नमी देखी उनकी आँखों में जब नमी देखी हुस्न के चार-सू ग़मी देखी उनकी आँखों में जब नमी देखी उनकी आँखों में जब नमी देखी