Sunderkand
Prem Prakash Dubey
होर खोली वाले मोहन बाबा मैं घणा रे हुआ लाचार तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार रे तू पार तार दे अजनाव पड़ी मझधार माँ दर लेकर जो भी आते तू पूरी रियास करे है तू पूरी रियास करे है हे दुनिया धर या बिलकुल झूठी हम तेरा विश्वास करे हैं हो हम तेरा विश्वास करे हैं हो हम तेरा विश्वास करे हैं हाथ जोड़ अरदास करे हैं हम तुझको रहे पुकार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार आई दोस्त बर मोहन बाबा हम तेरे मंदिर जाते हो हम तेरे मंदिर जाते रे व्रत करा कर तेरे रे नाम का और तेरे ही गुण गाते हो हम तेरे ही गुण गाते हो हम तेरे ही गुण गाते दर्पण लाकर शीश झुकाते प्रणाम कर बारंबार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार जिस दिन कर दे रे ठीक इसे तू जो पेट पलैनी आ रे जावे जो पेट पलैनी आ रे जावे मुख ते बोल गा बोल रे जिस दिन यो गुण तेरे ही गावे हो यो गुण तेरे ही गावे हो यो गुण तेरे ही गावे सदा तेरी रज कार लगावे तू कर दिए बेड़ा पार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार खाई दवाई दुनिया भर की ओ आराम नहीं कुछ पाया ओ आराम नहीं कुछ पाया अब सबमें तो कर बैठ तू मोहन अब तेरे में दर पे में आया हो अब तेरे दर पे में आया हो अब तेरे दर पे में आया गये हैं हे मोहनिया तेरी माया गए रे इसके रे आगे हार तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार तेरी खोली में आया करता यो तेरी जयकार लगाता यो तेरी जयकार लगाता आज हम बोले मेरे भाई भाई यो कुछ भी ना बतलाता यो कुछ भी ना बतलाता हो यो कुछ भी ना बतलाता बलराम तेरे भग्न बनाता यो जनक करे परचार रे हो तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार खोली वाले मोहन बाबा मैं घणा रे हुआ लाचार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार रे तू पार तार दे आज नाव पड़ी मझधार