Ae Kash Ke Hum
Jatin-Lalit
5:11वो तो है अलबेला हजारों में अकेला वो तो है अलबेला हजारों में अकेला सदा तुमने ऐब देखा हुनर को न देखा वो तो है अलबेला हजारों में अकेला सदा तुमने ऐब देखा हुनर को न देखा वो तो है अलबेला फुर्सत मिली न तुम्हें अपने जहां से उसके भी दिल की कभी समझते कहां से फुर्सत मिली न तुम्हें अपने जहां से उसके भी दिल की कभी समझते कहां से जाना है जिसे पत्थर हीरा है वो तो हीरा सदा तुमने ऐब देखा हुनर को न देखा वो तो है अलबेला हजारों में अकेला वो तो है अलबेला बंसी तो लकड़ी सदा समझा किये तुम पर उसके नगमों की धुन कहां सुन सके तुम बंसी तो लकड़ी सदा समझे किये तुम पर उसके नगमों की धुन कहां सुन सके तुम दीये की माटी देखी देखी न उसकी जोती सदा तुमने ऐब देखा हुनर को न देखा वो तो है अलबेला हजारों में अकेला वो तो है अलबेला हजारों में अकेला सदा तुमने ऐब देखा हुनर को न देखा वो तो है अलबेला हजारों में अकेला वो तो है अलबेला