Taal Se Taal
Alka Yagnik
6:19एलि रे एलि क्या है ये पहेली ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली मेरी अंगड़ाया ओ मेरी अंगड़ाया मेरी तन्हाइया मेरी अंगड़ाया कितनी अकेली एलि रे एलि क्या है ये पहेली ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम चली है अब के बरस ना जाने कैसी ये हवाए चालू मैं लाख संभलके पर कदम डगमगाए ना जाने क्यू ऐसी बाते मेरे दिल मे आए जाए के मेरी सारी सहेलिया मेहंदी लगाए मैं भी आगे कर दू अपनी हथेली एलि रे एलि क्या है ये पहेली ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली कहा हू मैं तो यहा हू बस मैं तो यही हू ना जाने दिल है कही मेरा और मैं कही हू ना ऐसी सोनी हू मैं ना मैं इतनी हसीन हू के देखु दर्पण तो लगता है ये मैं नही हू ओये ओये कोई देखे मेरी ये हथेली एलि रे एलि क्या है ये पहेली ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली ये दिन है छोटे छोटे तो बड़ी लंबी लंबी राते अर्रे लो सावन से पहले होने लगी बरसाते किसी से होने लगी है सपनो मे मुलाक़ाते ओ जाओ मुझको सिख़ाओ ना तुम ऐसी वैसी बाते तुम दोनो ने मिलके जान मेरी ले ली एलि रे एलि क्या है ये पहेली ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम ओ देखो कोई तस्वीर नही ये एक पैगाम है किसी ने दूर से भेजा तुम सब को सलाम है बड़ी ही प्यारी सी सूरत बड़ा प्यारा प्यारा नाम है दिलो को मेल करना अच्छे दोस्तो का काम है एलि रे एलि क्या है ये पहेली ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली एलि रे एलि क्या है ये पहेली ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम