Sahi Galat (From Drishyam 2)
King
2:50तू जहाँ से देखता है मैं ग़लत हूँ तू सही देख मेरी नज़रों से गलत में कुछ गलत नही करना है जो करके ही रहूँगा मैने तय किया गलत को भी सही तरह से करने का निश्चय किया हे हे हे हे हे लगता है तुझे के जुर्म का हूँ ज़िम्मेदार मैं जब सबूत ही नही तो कैसे गुनेहगार मैं पुरे होश और हवास में किया जो है किया गलत को भी सही तरह से करने का निश्चय किया हे हे हे हे हे आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ ओ ओ तीर की तरह चला के अपने हर उपाय को मेरे हर कदम के आड़े आने वेल न्याय को साम दाम दंड भेद से भी मैने तय किया गलत को भी सही तरह से करने का निश्चय किया हे हे हे हे हे समझना खुद को मुझसे तेज़ तेरी भूल है सियार जैसी होशियारी यह फ़िज़ूल है (यो) तेरा ख़याल ठेकेदार है तू वक़्त का (यो) बदल के रहता है यह वक़्त का उसूल है (यो) हरकतों पर कब तलाक़ मेरी नज़र रखेगा तू (यो) करते करते पहरेदारी एक दिन थकेगा तू (यो) मैं मगर नही ठाकुँगा फ़ैसला यह है किया (यो) ग़लत को भी सही तरह से करने का निश्चय किया (यो) हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे दृश्यम हे हे हे हे हे हे दृश्यम ओ ओ ओ ओ ओ ओ (ओ ओ ओ) हे हे दृश्यम हे हे दृश्यम हे हे दृश्यम हे हे दृश्यम