Amar Akbar Anthony (From "Amar Akbar Anthony")

Amar Akbar Anthony (From "Amar Akbar Anthony")

Kishore Kumar

Длительность: 5:52
Год: 1977
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Текст песни

अनहोनी को होनी कर दें, होनी को अनहोनी
अनहोनी को होनी कर दें, होनी को अनहोनी
एक जगह जब जमा हों तीनों, अमर अकबर एंथनी
अमर अकबर एंथनी
अनहोनी को होनी कर दें, होनी को अनहोनी
अनहोनी को होनी कर दें, होनी को अनहोनी
एक जगह जब जमा हों तीनों, अमर अकबर एंथनी
अमर अकबर एंथनी

एक एक से भले दो, दो दो से भले तीन
दूल्हा दुल्हन साथ नहीं, बाजा है बारात नहीं
अरे दूल्हा दुल्हन साथ नहीं, बाजा है बारात नहीं
कुछ डर की बात नहीं

ये मिलन की रैना है, कोई ग़म की रात नहीं
यारों हँसो, बना रखी है क्यों ये सूरत रोनी
यारों हँसो, बना रखी है क्यों ये सूरत रोनी
एक जगह जब जमा हों तीनों, अमर अकबर एंथनी
अमर अकबर एंथनी

एक एक से भले दो, दो दो से भले तीन
शम्मा के परवानों को, इस घर के मेहमानों को
शम्मा के परवानों को, इस घर के मेहमानों को
पहचानों अनजानो को
कैसे बात मतलब की समझाऊँ दीवानों को
सपन सलोने लेके आई है ये रात सलोनी
सपन सलोने लेके आई है ये रात सलोनी
एक जगह जब जमा हों तीनों, अमर अकबर एंथनी
अमर अकबर एंथनी

अनहोनी को होनी कर दें, होनी को अनहोनी
एक जगह जब जमा हों तीनों, अमर अकबर एंथनी
अमर अकबर एंथनी

एक एक से भले दो, दो दो से भले तीन
अमर अकबर एंथनी
अमर अकबर एंथनी
अमर अकबर एंथनी