Ek Ajnabee Haseena Se
Kishore Kumar
4:27मुसाफ़िर हूँ यारों ना घर है ना ठिकाना हम्म हम्म हे मुसाफ़िर हूँ यारों ना घर है ना ठिकाना मुझे चलते जाना है बस चलते जाना एक राह रुक गयी तो और जुड गयी मैं मुड़ा तो साथ साथ राह मुड़ गयी हवा के परों पर मेरा आशियाना मुसाफिर हूँ यारों ना घर है ना ठिकाना मुझे चलते जाना है बस चलते जाना दिल ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया रात ने इशारे से उधर बुला लिया सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना मुसाफ़िर हूँ यारों ना घर है ना ठिकाना मुझे चलते जाना है बस चलते जाना मुसाफ़िर हूँ यारों ना घर है ना ठिकाना मुझे चलते जाना है बस चलते जाना