Aap Ki Ankhon Mein Revival
Kishore Kumar
4:20ज़िंदगी का सफ़र है ये कैसा सफ़र कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं ज़िंदगी का सफ़र है ये कैसा सफ़र कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं है ये कैसी डगर चलते हैं सब मगर कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं ज़िंदगी को बहुत प्यार हमने किया मौत से भी मुहब्बत निभायेंगे हम रोते रोते ज़माने में आये मगर हँसते हँसते ज़माने से जायेँगे हम जायेँगे पर किधर है किसे ये खबर कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं ऐसे जीवन भी हैं जो जिये ही नहीं जिनको जीने से पहले ही मौत आ गयी फूल ऐसे भी हैं जो खिले ही नहीं जिनको खिलने से पहले फ़िज़ा खा गई है परेशां नज़र थक गये चाराग़र कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं ज़िन्दगी का सफ़र है ये कैसा सफ़र कोई समझा नहीं