Chand Se Parda Kijiye
Kumar Sanu
6:14अब तो बिना तुम्हारे मोहब्बत के वतन मे अब तो बिना तुम्हारे मोहब्बत के वतन मे या ाश्क़ बरसते हैं या फिर आग सावन मे अब तो बिना तुम्हारे मोहब्बत के वतन मे तुम से बिच्छाद के दर्द के घेरो मे आ गये तुम से बिच्छाद के दर्द के घेरो मे आ गये हम रोशनी से दूर अंधेरो मे आ गये हम रोशनी से दूर अंधेरो मे आ गये अब जा के फ़र्क़ जाना जुदाई मे मिलन मे अब तो बिना तुम्हारे मोहब्बत के वतन मे दुश्मन बने है आप ही अपनी खुशी के हम दुश्मन बने है आप ही अपनी खुशी के हम आई दोस्त बिन तुम्हारे भी देखेंगे जी के हम आई दोस्त बिन तुम्हारे भी देखेंगे जी के हम खुद आग लगा बैठे हैं हम अपने चमन मे अब तो बिना तुम्हारे मोहब्बत के वतन मे या ाश्क़ बरसते हैं या फिर आग सावन मे अब तो बिना तुम्हारे मोहब्बत के वतन मे या ाश्क़ बरसते हैं या फिर आग सावन मे अब तो बिना तुम्हारे मोहब्बत के वतन मे या ाश्क़ बरसते हैं या फिर आग सावन मे अब तो बिना तुम्हारे मोहब्बत के वतन मे