Bahut Khoobsurat Ghazal

Bahut Khoobsurat Ghazal

Kumar Sanu

Альбом: Shikari
Длительность: 6:40
Год: 2000
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Текст песни

बहोत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
अरे अरे हो हो
बहोत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
तुम्हें देखकर आजकल लिख रहा हूं
हां तुम्हें देखता हूँ आजकल लिख रहा हूं
बहोत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
तुम्हें देखकर आजकल लिख रहा हूं
हां तुम्हें देखता हूं आजकल लिख रहा हूं

मिले कब कहां, कितने लम्हे गुजारे
मिले कब कहां, कितने लम्हे गुजारे
मैं गिन गिन के वो सारे पल लिख रहा हूं
मिले कब कहां, कितने लम्हे गुजारे
मैं गिन गिन के वो सारे पल लिख रहा हूं
बहोत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
अरे हे हो हो
बहोत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
तुम्हें देखकर आजकल लिख रहा हूं
हां तुम्हें देखता हूं आजकल लिख रहा हूं

तुम्हारे जवान खुबसूरत बदन को
ताराशा हुआ एक महल लिख रहा हूं
तुम्हारे जवान खुबसूरत बदन को
ताराशा हुआ एक महल लिख रहा हूं
बहोत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
अरे हे हो हो
बहोत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
तुम्हें देखकर  आजकल लिख रहा हूं
हां तुम्हें देखता हूं आजकल लिख रहा हूं

ना पूछो मेरी बेकरारी का आलम:
ना पूछो मेरी बेकरारी का आलम:
मैं रातों को करवा बदलता हूं
ना पूछो मेरी बेकरारी का आलम:
मैं रातों को करवा बदलता हूं
बहोत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
अरे हे हो हो
बहोत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
तुम्हें देखकर  आजकल लिख रहा हूं
हां तुम्हें देखता हूं आजकल लिख रहा हूं