Kaho Na Kaho (From "Murder")
Amir Jamal
5:12हम्म बरसात के मौसम में हम्म तन्हाई के आलम में हम्म बरसात के मौसम में तन्हाई के आलम में मैं घर से निकल आया बोतल भी उठा लाया अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो मेरे दुश्मन हैं ज़माने के गम बाद पिने के ये होंगे कम मेरे दुश्मन हैं ज़माने के गम बाद पिने के ये होंगे कम हो ज़ुल्म दुनिया के ना सह पायूँगा बिन पिए आज ना रह पायूँगा मुझे हालात से टकराना है मुझे हालात से टकराना है ऐसे हालात में पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो जी लेने दो भरी बरसात में पी लेने दो