Aarti Jai Ambe Ji
Kumar Vishu
10:15चरण शरण में आयी के धरुं तिहारा ध्यान संकट से रक्षा करो संकट से रक्षा करो पवन पुत्र हनुमान दुर्गम काज बनाय के कीन्हे भक्त निहाल अब मोरी विनती सुनो अब मोरी विनती सुनो हे अंजनी के लाल हाथ जोड़ विनती करूँ सुनो वीर हनुमान कष्टों से रक्षा करो कष्टों से रक्षा करो राम भक्ति देहूं दान पवनपुत्र हनुमान बोलो पवनपुत्र हनुमान की (जय)