Do Din Ki Zindagi Kaisi Yeh Zindagi

Do Din Ki Zindagi Kaisi Yeh Zindagi

Lata Mangeshkar

Длительность: 4:19
Год: 2002
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Текст песни

दो दिन की ज़िंदगी कैसी है ज़िंदगी
दो दिन की ज़िंदगी कैसी है ज़िंदगी
कोइ ना ये जाने हो
भीतर अंधेरा है बाहर है रौशनी
देखें ना परवाने
दो दिन की ज़िंदगी कैसी है ज़िंदगी

अरमाँ की बस्ती जाने कैसी है बस्ती
उतनी ही सूनी हो
उतनी ही सूनी जितनी छायी है मस्ती
नज़रों में बाँकपन आँखों में सौ चमन
सीने में वीराने
दो दिन की ज़िंदगी कैसी है ज़िंदगी

पहले तो क्या क्या सपने दिखलाये दुनिया
फिर ख़ुद ही टूटा हो
फिर ख़ुद ही टूटा सपना बन जाये दुनिया
दुनिया की चाह की, नग़मों की आह की
झूठे हैं अफ़साने
दो दिन की ज़िंदगी कैसी है ज़िंदगी हो

फूलों ने देखा खिल के मुरझाना दिल का
तारों ने देखा हो
तारों ने देखा जल के बुझ जाना दिल का
थे कल जो मेहरबाँ, थे कल जो राज़दाँ
निकले वो बेगाने
दो दिन की ज़िंदगी कैसी है ज़िंदगी (ह्म ह्म ह्म )