Neend Kabhi Rehti Thi

Neend Kabhi Rehti Thi

Lata Mangeshkar

Длительность: 4:45
Год: 2000
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Текст песни

नींद कभी रहती थी आँखों में
अब रहते हैं साँवरिया
अब रहते हैं साँवरिया
चैन कभी रहता था इस दिल में
अब रहते हैं साँवरिया
अब रहते हैं साँवरिया

आ आ आ आ आ
लोग मुझसे कहें देखो उधर निकला है चाँद
कौन देखे उधर
जाने किधर निकला है चाँद
चाँद कभी रहता था नज़रों में
अब रहते हैं साँवरिया
अब रहते हैं साँवरिया

झूठ बोली पवन कहने लगी आई बहार
हम बाग़ में गए देखा वहाँ प्यार ही प्यार
फूल रहते होंगे चमन में कभी
अब रहते हैं साँवरिया
अब रहते हैं साँवरिया

बात पहले भी और तूफ़ान से डरते थे हम
बात अब और है अब है हमें काहे का ग़म
साथ कभी माँझी था संग लेकिन
अब रहते हैं साँवरिया
अब रहते हैं साँवरिया
नींद कभी रहती थी आँखों में
अब रहते हैं साँवरिया
अब रहते हैं साँवरिया