Darshan Do Ghanshyam

Darshan Do Ghanshyam

Manna Dey, Sudha Malhotra, Hemant Kumar

Альбом: Narsi Bhagat
Длительность: 3:29
Год: 1957
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Текст песни

दर्शन दो घनश्याम नाथ
मोरी अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ
मोरी अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम
मन मंदिर की ज्योति जगा दो

मन मंदिर की ज्योति जगा दो

घट घट बसी रे (घट घट बसी रे)
दर्शन दो घनश्याम (दर्शन दो घनश्याम)

मंदिर मंदिर मूरत तेरी
फिर भी ना दिखे सूरत तेरी
आ आ आ आ

आ आ आ आ

मंदिर मंदिर मूरत तेरी (मंदिर मंदिर मूरत तेरी)
फिर भी ना दिखे सूरत तेरी (फिर भी ना दिखे सूरत तेरी)
युग बीते ना आई मिलन की (युग बीते ना आई मिलन की)
पुरनमसी रे (पुरनमसी रे)
दर्शन दो घनश्याम (दर्शन दो घनश्याम)

द्वार दया का जब तू खोले
पंचम सुर में गूंगा बोले
आ आ आ

द्वार दया का जब तू खोले (द्वार दया का जब तू खोले)
पंचम सुर में गूंगा बोले (पंचम सुर में गूंगा बोले)
अँधा देखे लंगड़ा चल कर (अँधा देखे लंगड़ा चल कर)
पहुँचे कासी रे (पहुँचे कासी रे)
दर्शन दो घनश्याम (दर्शन दो घनश्याम)

पानी पी कर प्यास बुझाउ
नैनन को कैसे समझाउ
आँख मिचौली छोड़ो अब तो
मन के बासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ
मोरी अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम