Mangal Bhavan Amangal Hari
Mishra Bandhu
4:25राघव ललन तेरे कोमल चरण कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय नवरा जीव चरण अरुणाय खेलन बिनु पग परे अकुलाय नवरा जीव चरण अरुणाय खेलन बिनु पग परे अकुलाय नीरज नयन मोद मंगल अयन लाल तेरी मैं ले लूँ बलाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय रवि कर उदित सीस नहि छाही बदन निरखि सर सिज संकुचाय रवि कर उदित सीस नहि छाही बदन निरखि सर सिज संकुचाय सूरज किरण पड़े अधरन जले क्यों मुखड़ा नही कुम्हलाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कंकड़िया कहीं गढ़ी नहि जाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कंकड़िया कहीं गढ़ी नहि जाय लालन यंही आंगन मिल खेलो अल बल वचन तोतरे बोलो लालन यंही आंगन मिल खेलो अल बल वचन तोतरे बोलो चितवन चपल चाल मंजुल मचल देख सुषमा सरस तरसाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय कंकड़िया गढ़ी नहि जाय कंकड़िया गढ़ी नहि जाय खेलन को अब दुरी न जाओ ठुमक ठुमक पठ नाच दिखाओ खेलन को अब दुरी न जाओ ठुमक ठुमक पठ नाच दिखाओ सुन्दर सुवन दिन बरसे सुमन आज कौसल्या बलि बलि जाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय राघव ललन तेरे कोमल चरण कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय