Bahut Jatate Ho Pyar
Alka Yagnik
7:12कल तलक जो सच था वो बन गया फ़साना तिनका-तिनका बिखरा, लूटा वो आशियाना पल में बन गए सारे अपने बेगाने याद बहुत आते हैं गुज़रे ज़माने बस तबाही है, ग़म के साएँ हैं सूनी आँखों में सिर्फ़ पानी है और क्या ज़िंदगानी है हो, और क्या ज़िंदगानी है