Aur Kya Zindagani Hai (Remix)

Aur Kya Zindagani Hai (Remix)

Mohammed Aziz

Длительность: 1:29
Год: 2001
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Текст песни

कल तलक जो सच था वो बन गया फ़साना
तिनका-तिनका बिखरा, लूटा वो आशियाना
पल में बन गए सारे अपने बेगाने
याद बहुत आते हैं गुज़रे ज़माने

बस तबाही है, ग़म के साएँ हैं
सूनी आँखों में सिर्फ़ पानी है
और क्या ज़िंदगानी है
हो, और क्या ज़िंदगानी है