Is Ishq Mohaabat Ki

Is Ishq Mohaabat Ki

Mohammed Rafi

Альбом: Zulm Ki Pukar
Длительность: 5:37
Год: 1979
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Текст песни

ईशान
हाँ
हम कब तक इस तरह छुपके मिलते रहेंगे
अरे ये शहर में इकठे taxy में जा रहे हे
और तुम कह रही हो हम छुप कर मिल रहे हे
उफ़ ओ मेरा मतलब ये नहीं हे
मेरा मतलब हे हम साथ इकठे कब रहेंगे
देखा फिर फटी कमीज और बटन देखु तो
तो बटन बी नहीं हे
क्या करू कोई सीने वाला भी नहीं हे
में सीयां करूंगी हमेशा
वादा
तो फिर में भी एक वादा करता हूँ
क्या
फैक्ट्री से कपडे हमेशा फाड़ के लाया करूंगा

इस इश्क़-ओ-मुहब्बत की, कुछ हैं अजीब रस्में
इस इश्क़-ओ-मुहब्बत की, कुछ हैं अजीब रस्में
कभी जीने के वादे, कभी मरने की कसमें
न ये तेरे बस में, न ये मेरे बस में
न ये तेरे बस में, न ये मेरे बस में
कभी जीने के वादे, कभी मरने की कसमें
इस इश्क़-ओ-मुहब्बत की, कुछ हैं अजीब रस्में

कभी इंतज़ार करते, बरसात की रातों में
कभी रात गुज़र जाए, बातों ही बातों में
कभी इंतज़ार करते, बरसात की रातों में
कभी रात गुज़र जाए, बातों ही बातों में

इक दर्द मचलता है, इस दिल की नस-नस में
इक दर्द मचलता है, इस दिल की नस-नस में
कभी जीने के वादे, कभी मरने की कसमें
न ये तेरे बस में, न वो मेरे बस में

ग़र हमको जुदा कर दें, इक बार जहाँ के सितम
हर बार जनम लेकर, हर बार मिलेंगे हम
ग़र हमको जुदा कर दें, इक बार जहाँ के सितम
हर बार जनम लेकर, हर बार मिलेंगे हम
यूँ अहद-ए-वफ़ा कर लें, आ मिलकर आपस में
यूँ अहद-ए-वफ़ा कर लें, आ मिलकर आपस में
कभी जीने के वादे, कभी मरने की कसमें

मैं तेरी मोहब्बत में, हर रस्म निभा दूँगा
अपनी नीँदें देकर, तेरे ख़्वाब सजा दूँगा
मैं तेरी मोहब्बत में, हर रस्म निभा दूँगा
अपनी नीँदें देकर, तेरे ख़्वाब सजा दूँगा
ऐसा ही होता है, जब दिल न रहे बस में
ऐसा ही होता है, जब दिल न रहे बस में
कभी जीने के वादे, कभी मरने की कसमें
इस इश्क़-ओ-मुहब्बत की, कुछ हैं अजीब रस्में