Saiyaara Reprise - Female
Shreya Ghoshal
3:04चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था ना कस्मे हैं ना रस्मे हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं ना कस्मे हैं ना रस्मे हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं एक सूरत भोली भाली है दो नैना सीधे साधे हैं दो नैना सीधे साधे हैं ऐसा ही रूप खयालो में था जैसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था मेरी खुशियाँ ही ना बाटे मेरे ग़म भी सहना चाहे देखे ना ख्वाब वह महलों के मेरे दिल में रहना चाहे मेरे दिल में रहना चाहे इस दुनिया में कौन था ऐसा जैसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था